हर सुबह हर शाम तुम को ढूंढा है
हमने, उम्र तमाम तुम को ढूंढा है
हर शहर की ख़ाक छान मारी है
कभी छुप के ,कभी सरे आम तुम को ढूंढा है
हर फूल,हर कली ,को बताया है हुलिया तुम्हारा
चेहरे का हर एक निशाँ ,करके ब्यान ,तुम को ढूंढा है
छुपे हो जरुर तुम किसी और लोक में, वरना तो
ज़मी सारी छानी ,फिर आसमान पे, तुम को ढूंढा है
हमने, उम्र तमाम तुम को ढूंढा है
हर शहर की ख़ाक छान मारी है
कभी छुप के ,कभी सरे आम तुम को ढूंढा है
हर फूल,हर कली ,को बताया है हुलिया तुम्हारा
चेहरे का हर एक निशाँ ,करके ब्यान ,तुम को ढूंढा है
छुपे हो जरुर तुम किसी और लोक में, वरना तो
ज़मी सारी छानी ,फिर आसमान पे, तुम को ढूंढा है
छुपे हो जरुर तुम किसी और लोक में, वरना तो
जवाब देंहटाएंज़मी सारी छानी ,फिर आसमान पे, तुम को ढूंढा है
कविता के जरिये हम उसे ही ढूढ़ते हैं ..
उसे ईश्वर कहे ,या दोस्त .या हमारे ह्रदय का वह दूसरा हिस्सा
जो हमारे बारे में सब कुछ जानकार भी हमें दिखाई नहीं देता
प्रेम के भाव हमारे मन आकाश में बसंत ऋतू के श्वेत बादलों की
तरह उभर आते है ..अनेकोँ रूप धरते हैं ..
मीरा सी व्याकुलता को आपने शब्दों के माध्यम से
बहुत सुन्दर तरीके से अभ्व्यक्त किया है ..
किशोर
वाह अवन्ती जी वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति बधाई
जवाब देंहटाएंहर फूल,हर कली ,को बताया है हुलिया तुम्हारा
जवाब देंहटाएंचेहरे का हर एक निशाँ ,करके ब्यान ,तुम को ढूंढा है ..
बहुत खूब ... तलाश जरूर पूरी होती है ... शिद्दत से ढूंढा है आपने ...
लाजवाब शेर ...
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंbehatareen prastuti,mil jayag kahi n kahi gar koshishe jari rhae,na- ummidi ki diya dil me jalne n dijiye......
जवाब देंहटाएंक्या बात है ...
जवाब देंहटाएं:)
बहुत सुंदर,खोज एक प्रेम-पथिक की
जवाब देंहटाएंBeautiful.........
जवाब देंहटाएंI am very thankful to you for providing such a great information. It is simple but very accurate information.
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